कूष्मांडा माता जी की आरती Kushmanda Mata ji ki aarti
कूष्मांडा माता जी की आरती Kushmanda Mata ji ki aarti
नवरात्रि के चतुर्थी दिन मां दर्गा के चतुर्थ रुप कूष्मांडा की पूजा की जाती है। जब सृष्टि की रचना नहीं की गई थी और चारो तरफ अंधकार ही अंधकार था तब देवी ने अपने हास्य से ब्रह्मांड की रचना की इसलिए उन्हें सृष्टि की आदिशक्ति कहा गया है। मां कूष्मांडा की आठ भुजाएं हैं। इसलिए उन्हें अष्टभुजा के नाम से भी जाना जाता है। प्रात: स्नान से निवृत्त होने के बाद मां दुर्गा के कूष्मांडा रूप की पूजा करें। पूजा में मां को लाल रंग का पुष्प, गुड़हल, या फिर गुलाब अर्पित करें। इसके साथ ही सिंदूर, धूप, दीप और नैवेद्य चढ़ाएं। मां की पूजा आप हरे रंग के वस्त्र पहनकर करें तो अधिक शुभ माना जाता है। इससे आपके समस्त दुख दूर होते हैं।
Navratri ki Puja ke Upyogi saamagri
कूष्मांडा माता की आरती

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