Mata Chandraghanta ji ki aarti माता चंद्रघंटा की आरती
माता चंद्रघंटा की आरती Mata Chandraghanta ji ki aarti
नवरात्रि के तीसरे दिन मां के तृतीय स्वरूप माता चंद्रघंटा की पूजा- अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यताओं
के अनुसार माता चंद्रघंटा को राक्षसों की वध करने वाला कहा जाता है। ऐसा माना जाता है मां ने अपने भक्तों
के दुखों को दूर करने के लिए हाथों में त्रिशूल, तलवार और गदा रखा हुआ है। नवरात्रि उपासना में तीसरे
दिन की पूजा का अत्यधिक महत्व है और इस दिन इन्हीं के विग्रह का पूजन-आराधन किया जाता है। इस दिन
साधक का मन 'मणिपूर' चक्र में प्रविष्ट होता है। माँ चंद्रघंटा की कृपा से अलौकिक वस्तुओं के दर्शन होते हैं,
दिव्य सुगंधियों का अनुभव होता है तथा विविध प्रकार की दिव्य ध्वनियाँ सुनाई देती हैं।
Navratri ki Puja ke Upyogi saamagri
माता चंद्रघंटा की आरती
भक्त की रक्षा करो भवानी।
माता चंद्रघंटा मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु माँ चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
(108 बार जाप करें)

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